GST में गुड्स वापसी के नियम (treatment of goods return in GST)
आओ GST सीखें: दोस्तों कुछ इंडस्ट्री में गुड्स वापसी बहुत अधिक मात्रा में होती है, इसके ट्रीटमेंट एवं प्रोसीजर को ले कर बहुत कंफ्यूज़न रहती है। आओ आज गुड्स वापसी के समय अपनाये जाने वाले विभिन्न विकल्पों की चर्चा करें। गुड्स वापसी का 2 तरीके से ट्रीटमेंट किया जा सकता है: 1. गुड्स वापसी को विक्रय मान कर फ्रेश इनवॉइस जारी कर दिया जाए। या 2. गुड्स वापसी पर विक्रेता द्वारा क्रेडिट नोट जारी कर दिया जाये। OPTION 1 : Return of Goods to be treated as Fresh Supply a. जी हां, पहला तरीका ये ही है कि गुड्स वापिस करते टाइम इसको फ्रेश सप्लाई मानकर sale इनवॉइस जारी कर दिया जाए। b. ये एक आसान तरीका है। इसमें गुड्स वापस करने वाला एक इनवॉइस के जरिये माल वापस कर देगा और sale की तरह उस इनवॉइस को अपनी GSTR 1 में दिखायेगा। c. माल प्राप्ति करने वाला इन गुड्स पर ITC ठीक उसी तरह क्लेम करेगा जैसे वो फ्रेश माल purchase करते समय करता है। d. ITC reversal इत्यादि के अन्य सभी नियम लागू होंगे। OPTION 2 : Return of Goods by issuing credit notes : a. दूसरा तरीका ये है कि गुड्स को वापिस सप्लायर के क्रेडिट ...