GST effect on jewellers

ज्वेलरी व्यवसाय के लिये GST के कुछ महत्वपूर्ण जानकारी:

1. *How to prepare Bill* जब भी एक रजिस्टर्ड जेवेल्लेर  आभूषण एक रजिस्टर्ड जेवेल्लेर या रिटेल ग्राहक को  बेचता है तब उसे मेकिंग चार्ज बिल में अलग नहीं दिखाना हे। मेकिंग चार्ज का अमाउंट गोल्ड की रेट में ही जोड़ देना है और पूर्ण अमाउंट पर सिर्फ 3% GST लगाना होगा।

2. *Making charge*  जब रजिस्टर्ड जेवेल्लेर एक रजिस्टर्ड  कारीगर को आभूषण बनाने के लिए मॉल देता है , उसे जॉब वर्क कहते हे। क्योंकि कारीगर  रजिस्टर्ड हे इसलिए वह जेवेल्लेर से  मेकिंग चार्ज पर 5% GST वसूल करेगा।

3.  *Reverse charge*जब रेजिस्टर्स जेवेल्लेर  एक कारीगर जो की GST में रजिस्टर्ड नहीं है , उसे आभूषण बनाने के लिए माल देता है तब भी वह जॉब वर्क की श्रेणी में आता है। क्योंकि कारीगर रजिस्टर्ड नहीं है इसलिए कारीगर के मेकिंग चार्ज पर जेवेल्लेर को 5% GST रिवर्स चार्ज के अंतर्गत भरना पड़ेगा।

4. *Exchange of Bullion/ jewellery* यदि रिटेल ग्राहक ने  साल 2012 में 20000 की ज्वेलरी या बुलियन ख़रीदा हे और उसकी आज की कीमत 100000 है और वह यह ज्वेलरी/बुलियन एक्सचेंज करा कर 140000 की नयी ज्वेलरी खरीदता हे तो इसका मतलब है कि रजिस्टर्ड जेवेल्लेर 100000 की ज्वेलरी खरीद रहा है। इस 100000 की खरीद पर जेवेल्लेर को रिवर्स चार्ज के तहत 3%GST   देना होगा। जेवेल्लेर को 140000 की सेल पर 3% GST  कलेक्ट करना है। जेवेल्लेर को रिवर्स चार्ज में भरे हुए टैक्स का इनपुट क्रेडिट मिलेगा।

मगर ये ध्यान रखे की रिटेल ग्राहक को 80000 रुपये पर कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।

5. *Repairing of jewellery* यदि कोई रिटेल ग्राहक ज्वेलरी रिपेयर या पोलिश करने रजिस्टर्ड जेवेलर्स के पास आता है तो इसे सर्विस की श्रेणी में रखा गया है। इस पर सर्विस चार्ज पर 18% GST लगेगा। यदि रिपेयरिंग में कोई अतिरिक्त सोना लगता है तो सोने की वैल्यू पर 3% GST लगेगा।

6. *Conversion of Bullion/jewellery* यदि कोई रिटेल ग्राहक रजिस्टर्ड जेवेल्लेर के पास  ज्वेलरी या बुलियन को मेलटिग करा कर दूसरी ज्वेलरी बनाना चाहता है तो इसे भी सर्विस की श्रेणी में रखा गया है। रजिस्टर्ड जेवेल्लेर को सर्विस चार्ज पर 18% GST  वसूल करना होगा।

7. *Exhibition* मान लीजिये यदि आप GST के तहत राजस्थान में रजिस्टर्ड हे और आप महाराष्ट्र के ज्वेलरी एक्सहिबिशन में भाग लेना चाहते है तो आपको महाराष्ट्र में माल लाने के पहले GST कानून के तहत आपको महाराष्ट्र में टेम्पररी रजिस्ट्रेशन नंबर लेना होगा। ये नंबर आपको तभी मिलेगा जब आप जितना भी माल एक्सहिबिशन में ला रहे हे , उस पर अंदाज से GST टैक्स भर दे। इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार टैक्स के बदले आपको बैंक गारंटी या बैंक बांड भरने की सुविधा मिल सकती है। कृपया सभी आभूषण व्यापारी भाई इस बात का ध्यान रखे। एक्सहिबिशन पूरा होने पर जब आप माल वापस ले जायेंगे तब आपको भरे हुए टैक्स की क्रेडिट वापस मिल जायेगी। कृपया ध्यान रखे आपको टैक्स की क्रेडिट मिलेगी , रिफंड नहीं मिलेगा।

यदि कोई NRI या विदेशी कंपनी भी एक्सहिबिशन में भाग लेंगे तो उन पर भी यही कानून लगेगा।

कृपया ध्यान रखे की इस कानून का उल्लंघन करने पर आपको कोई हादसा होने पर इन्शुरन्स का क्लेम भी नहीं मिलेगा।

8. *Wastage and Melting loss* साधरणतया मेल्टिंग लॉस को मान लिया जायेगा बशर्ते की लॉस की रिकवरी को स्क्रैप की तरह बेचा जाय। परंतु किसी भी प्रकार के वेस्टेज को लेबर चार्ज के एवज देने से दो बार GST जेवेल्लेर को देना पड़ेगा। मजूरी केे बदले वेस्टेज देना भी गोल्ड एक्सचेंज करने जैसा ही हे। इसलिए ये जरुरी है कि जॉब वर्कर को सिर्फ चेक से पेमेंट करे, वेस्टेज के तहत पेमेंट कभी नहीं करे।

9. *कॉन्ट्रेक्टर* रजिस्टर्ड जेवेल्लेर हमेशा जॉब वर्क का काम खुद डायरेक्ट जॉब वर्कर को दे और पेमेंट भी खुद डायरेक्ट जॉब वर्कर को करे तभी इस पर 5% GST लगेगा।  रजिस्टर्ड जेवेल्लेर कांट्रेक्टर से चाहे तो कमीशन तय करे पर सोना हमेशा खुद डायरेक्ट जॉब वर्कर को ही दे।

Regards,
Ca Lalit Aggarwal,
9999565491

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